कद्दूवर्गीय (बेल वाली) फसलों में 3 G कटिंग द्वारा अधिक उपज प्राप्त करें। गर्मी व वर्षांत के मौसम में हर घर के पास लौकी, तोरई, चचिंडा, ककड़ी, करेला,कद्दू आदि सब्जियों की बेलें देखने को मिलती हैं। कई कृषक इन फसलों की व्यवसायिक खेती भी कर रहे हैं।  ऐसे पहचानें,मुख्य तना द्वितय व तृतीय पीढ़ी के तनों को तकनीकी जानकारी के अभाव में कृषक इन वेल वाली सब्जियां से भरपूर उपज व आर्थिक लाभ नहीं ले पाते। कद्दू वर्गीय फसलों के पौधे द्विलिंगी (monoecious) होते हैं, यानी एक ही पौधे पर नर व मादा पुष्प होते हैं। पुष्प एक लिंगी (uni sexual) अर्थात नर व मादा पुष्प अलग अलग लगते हैं। मादा पुष्प में नीचे छोटा सा फल लगा होता है जब कि नर पुष्प सीधे डंडी पर खड़ा रहता है। पौधों पर फल तभी विकसित होते हैं जब पौधों पर मादा फूल विकसित होते हैं तथा खिले हुए नर फूल से पराग परागण द्वारा खिले हुए मादा फूल के वर्तिकाग्र में गिर कर परागित/ निषेचन करें। ...